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कुछ ही दिनों में तीन गुना हुई कोरोना से अनाथ बालकों की संख्या अब 1742 पर पहुंची

तारीख: 01 जून, 2021
स्रोत (Source): क्विंट हिंदी

तस्वीर स्रोत: द क्विंट

स्थान: नई दिल्ली

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से माता-पिता खोने वाले या बेसहारा हुए बालकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आंकड़े पेश किए हैं. NCPCR के मुताबिक, बाल स्वराज पोर्टल पर 9346 प्रभावित बालकों का डेटा अपलोड किया गया है, जिसमें माता-पिता दोनों को खोने वाले 1742 बालक शामिल हैं. 

प्रभावित बालकों में 7464 ऐसे हैं कि जिनके माता-पिता में से किसी एक की मौत हो चुकी है. मार्च 2020 से लेकर 29 मई 2021 तक के इस डेटा में बेसहारा छोड़ दिए गए 140 बालक भी शामिल हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है. इन बालकों में से 1224 अब एक अभिभावक के साथ रह रहे हैं, 985 एक परिवार के सदस्य के साथ, जिसे कानूनी अभिभावक के रूप में नामित नहीं किया गया है, जबकि 6612 माता या पिता के साथ रह रहे हैं. इसके अलावा 31 बालकों को स्पेशल अडॉप्शन एजेंसी में भेजा गया है. 

बता दें कि हाल ही में NCPCR ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन बालकों की जानकारियां अपने पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा, जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खो दिया है.

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 25 मई को ट्वीट कर कहा था कि भारत सरकार हर उस बालक का सहयोग और संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जानकारी दी गई है कि एक अप्रैल से आज दोपहर 2 बजे तक 577 बालकों के माता-पिता की कोरोना के कारण मौत हुई है.’’

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