फोन के जरिए बालिकाओं को अपना शिकार बना रहे हैं मानव तस्कर
तारीख: 17 जून, 2021
स्रोत (Source): जागरण
तस्वीर स्रोत: जागरण
स्थान: पश्चिम बंगाल
कोविड-19 महामारी स्कूल कॉलेज बंद. पढ़ाई के नाम पर मोबाइल के प्रति युवक-युवतियों का बढ़ता आकर्षण का फायदा उठाकर तस्कर बालिकाओं को अपना शिकार बना रहे हैं. कंचनजंगा उद्धार केंद्र की संयोजक रंगू सौरिया ने बताया कि मिरिक की 5 बालिकाओं को उड़ीसा से बचाया गया है. मानव तस्करों ने इन बालिकाओं से पहले मोबाइल के जरिए दोस्ती की. पिछले लॉकडाउन में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाच गाने के लिए इन्हें बुलाया और अच्छी राशि देकर इनका विश्वासी जीता.
कोविड-19 महामारी के दूसरी लहर में एक बार फिर इन बालिकाओं से, जो सभी स्कूल छात्राएं हैं, संपर्क स्थापित किया. पिछले वर्ष का लालच काम आया और यह सभी माता पिता को बिना बताए सिलीगुड़ी आ गई.
यहां से उन्हें बहला-फुसलाकर और ज्यादा पैसा देने के लालच में उड़ीसा ले जाया गया. वहां इन बालिकाओं के मोबाइल और जेवरात छीन लिए गए. एक कमरे में बंद कर इन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेला गया.
तीन बालिकाएं किसी तरह वहां से निकलकर वापस आई और इसकी जानकारी परिवार वालों को और कंचनजंगा उद्धार केंद्र को दी. उनसे मिली जानकारी के आधार पर उड़ीसा पुलिस के सहयोग से दोनों बालिकाओं को भी वहां से मुक्त कराया गया.
इसी प्रकार दार्जिलिंग मोड की एक युवती को मोबाइल के जरिए प्रेम जाल में फंसाया गया.
उसे कोलकाता दीघा घुमाने के नाम पर सिलीगुड़ी से वहां ले जाया गया और वहां से उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बिहार के छपरा ले जाया गया. वहां एक कमरे में इसे रखकर देह व्यापार कराया जाने लगा. इसका विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाती. इसकी भी जानकारी जब कंचनजंगा उद्धार केंद्र को मिली तो वहां से पुलिस की मदद से उस युवती को बचाया गया.
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