केंद्र सरकार ने मानवी वाहतुक के खिलाफ मसौदा विधेयक पर सुझाव मांगा
तारीख: 04 जुलाई, 2021
स्रोत (Source): टीवी9 भारतवर्ष
तस्वीर स्रोत : टीवी9 भारतवर्ष
स्थान : दिल्ली
केंद्र सरकार ने मानवी वाहतुक करने वालों पर नकेल कसने और पीड़ितों के लिए पुनर्वास जैसे कदम उठाने का फैसला किया है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मानव की वाहतुक (निवारण, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021 का मसौदा सार्वजनिक किया है. साथ ही साथ इस पर मंत्रालय ने 14 जुलाई तक फीडबैक मांगा है. बिल को अंतिम रूप देने के बाद कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी और संसद के दोनों सदनों से सहमति की आवश्यकता होगी. इस विधेयक में मानवी वाहतुक में लिप्त लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.
नया विधेयक मानव तस्करी विधेयक 2018 के बाद संशोधन की एक लंबी प्रक्रिया के बाद आया है. मानव तस्करी विधेयक 2018 को लोकसभा में तीखी बहस के बाद मंजूरी मिली थी, लेकिन राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था और 2019 में मोदी सरकार का पहला कार्यकाल खत्म हो गया. अब इस बहुप्रतीक्षित नए मसौदा विधेयक में प्रस्ताव है कि “व्यक्तियों की वाहतुक” का अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम सात साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है और कम से कम एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
बिल में “वाहतुक के गंभीर रूपों” को लेकर वर्गीकृत अपराधों के लिए अधिक कठोर दंड की सूची भी तैयार की गई है. इस विधेयक में संगठित अपराध सिंडिकेटों, संगठित आपराधिक समूहों पर नकेल कसने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें सीमा पार से जुड़े अपराध भी शामिल हैं.
टीवी9 भारतवर्ष की इस खबर को पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करे.