गया के 5 बालकों को मानवी वाहतुक करने वालों ने बेचा:चेन्नई में काम दिलाने के बहाने ले गए हिमाचल, 20-20 हजार में सभी को बेचा
तारीख: 03 दिसंबर, 2021
स्रोत (Source): भास्कर
तस्वीर स्रोत : भास्कर
स्थान : बिहार
गया में 5 बालकों को वाहतुक करने वालेों ने हिमाचल में 20-20 हजार में बेच दिया. एक बच्चा वाहतुक करने वालों के चंगुल से भागकर गांव पहुंचा. उसने पूरी घटना गांव के लोगों को बताई. दरअसल, गांव का ही एक दलाल बाहर काम दिलाने का झांसा देकर 5 बालकों को अपने साथ ले गया. इसके बाद सभी को 20-20 हजार में बेच दिया. इसके बाद से दलाल फरार है. सभी बालकों की उम्र 10-15 साल के बीच है. मामला जिले की मगध यूनिवर्सिटी थाना क्षेत्र के एक गांव का है.
इधर, बालकों के मां-बाप का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं है और न ही वे पढ़े-लिखे हैं. इससे वे अपने बालकों को हिमाचल के शहरों जाकर ढूंढने में असमर्थ हैं.
बालकों के परिजनों ने बताया कि, दलाल ने सभी बालकों को नौकरी का लालच दिया. इससे सभी उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गए. बालकों के परिजनों को बताया कि उन्हें चेन्नई लेकर जा रहा है. वहां से हर महीने 5 हजार रुपए घर भिजवाया जाएगा. इसके बाद सभी बालक दलाल के साथ सितंबर में चले गए.
बालकों को चेन्नई ले जाने की बजाए दलाल उन्हें हिमाचल ले गया. वहां के व्यवसायियों के हाथों बालकों को 20-20 हजार में बेच दिया. जहां उनसे मजदूरी करवाई जा रही है. उन सभी में से एक बच्चा गोलू कुमार (काल्पनिक नाम) किसी तरह वहां से भागकर दिल्ली आ गया. वहां से उसने अपने परिजनों को संपर्क किया. जिसके बाद परिजन कर्ज लेकर उसे दिल्ली से लाने पहुंचे.
जिसके बाद मानवी वाहतुक की इस घटना का खुलासा हुआ. शेखर ने बताया कि उनसे मजदूरी करवाई जाती थी और काम नहीं करने पर बेरहमी से पीटा जाता था. उसने बताया कि उन्हें हिमाचल के किसी शहर में रखा गया था.
इधर, शेखर के आने के सभी बालकों के परिजन इसकी शिकायत लेकर MU थाने पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि उनकी शिकायत पुलिस ने नहीं ली और उन्हें वापस लौटा दिया गया. इसके बाद सभी मिस्खा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता तमजिलु रहमान खान से संपर्क किया. तमजिलु ने चाइल्ड लाइन को घटना की जानकारी दी. चाइल्ड लाइन के अधिकारी पीड़ितों के गांव आए भी लेकिन उन्होंने भी FIR के बिना कुछ नहीं कर पाने की बात कही.
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