ओडिशा बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लड़कियों के विवाह की उम्र बढ़ाए जाने की कोशिश पर चिंता जताई
तारीख: 05 जनवरी, 2022
स्रोत (Source): नवभारत टाइम्स
तस्वीर स्रोत : नवभारत टाइम्स
स्थान : ओडिशा
ओडिशा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (ओएससीपीसीआर) ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल करने के केंद्र के प्रयास पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोकसो) अधिनियम तथा कई योजनाओं के तहत केवल 18 वर्ष तक के किशोर–किशोरियों को सहायता प्रदान करने का प्रावधान है.
आयोग ने कहा कि यदि लड़कियों की विवाह की आयु बढ़ा दी गई, तो इससे मौजूदा रीति–रिवाज और परंपराओं की अवहेलना होगी.
ओएससीपीसीआर ने शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष विनय पी. सहस्रबुद्धे को लिखे पत्र में मंगलवार को सुझाव दिया कि लड़कों के लिए भी शादी की न्यूनतम उम्र सीमा घटा कर 18 साल की जानी चाहिए.
ओएससीपीसीआर प्रमुख संध्यावती प्रधान ने सहस्रबुद्धे के नेतृत्व वाले पैनल से आग्रह किया, ‘‘मैं आपसे विनम्र अनुरोध करती हूं कि लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को बढ़ा कर 21 वर्ष नहीं करने तथा इसके बजाय लड़कों और लड़कियों, दोनों के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष रखने पर कृपया विचार करें.’’
बाल विवाह निषेध विधेयक, 2021 को 21 दिसंबर, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया था. इसमें सभी समुदायों के लिए एक समान नियम का प्रस्ताव रखा गया है. इसे बाद में समीक्षा के लिए संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया.
प्रधान ने पत्र में कहा कि जब तक माता–पिता और समुदाय की सोच में बदलाव नहीं आता, तब तक केवल कानून में बदलाव करने से बाल विवाह को रोकने में मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘परेशानियां और गरीबी, पितृसत्तात्मक नियमों, स्कूली शिक्षा, रोजगार और इसी तरह के अन्य कार्य में अवसर का अभाव बाल विवाह को बढ़ावा देने में काफी हद तक भूमिका निभा रहे हैं.’’
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