मुंबई में महिलाओं और बालकों का शोषण करने वालों पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर, बनाया खास डाटाबेस
तारीख: 16 फरवरी, 2022
स्रोत (Source): एबीपी न्यूज
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स्थान : महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने हाल ही में अपनी वार्षिक रिपोर्ट पब्लिक की है. रिपोर्ट पेश करते हुए पुलिस ने जानकारी दी कि इस बार उन्होंने एक खास तरह का डेटाबेस तैयार किया है महिलाओं और बालकों को ध्यान में रखते हुए. पुलिस महिलाओं और बालकों के खिलाफ अपराध पर प्रभावी तरीके से लगाम लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने छेड़खानी, बालकों के खिलाफ लैंगिक अपराध करने वालों, बलात्कारियों और अन्य ऐसे अपराधियों का डेटाबेस तैयार किया है.
‘वार्षिक अपराध रिपोर्ट, 2021’ जारी करने के बाद पुलिस के संयुक्त आयुक्त (कानून-व्यवस्था) विश्वास नांगारे पाटिल ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर रोक लगाने की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले हम डकैतों, लूटेरों, झपटमारों, वाहन चोरों आदि के रिकॉर्ड बनाया करते थे. अब हमने छेड़खानी, बालकों के खिलाफ लैंगिक अपराध करने वालों, बलात्कारियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों का रिकॉर्ड तैयार किया है.’’
नागरे पाटिल ने कहा कि कई मामलों में पुलिस ने ऐसे अपराधियों का रिकॉर्ड दर्ज करना शुरू कर दिया है और ऐसे अपराधियों के संबंध में फैसले जोन के डीसीपी द्वारा लिये जाएंगे. अन्य कदमों के तहत मुंबई पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया स्क्वाड (Nirbhaya Squad) का गठन भी किया है. राज्य के प्रत्येक थाने में महिलाओं की सहायता के लिए ‘निर्भया सहायता केन्द्र’ खोलने के वास्ते महाराष्ट्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है.
पाटिल ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव के तहत प्रत्येक थाने को निर्भया सहायता केन्द्र के लिए सात लाख रुपये मिलेंगे. बारह लाख रुपये जोनल स्तर के केन्द्रों को और क्षेत्रीय स्तर के 13 काउंसलिंग केन्द्रों को 30 लाख रुपये मिलेंगे. वे महिला और बाल विकास विभाग, टिस और निजी संगठनों की मदद से संचालित होंगे.’’
उन्होंने बताया कि पुलिस लोगों को संवेदनशील बनाने और महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रति जागरुक करने का प्रयास करेगी. उन्होंने बताया, ‘‘हम पीड़िता और पहली बार अपराध करने वाले, दोनों की काउंसलिंग करेंगे.’’
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