पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा: गलत इरादे से किसी के भी शरीर का कोई भी अंग छूने पर लागू होती है धारा 377
तारीख: 07 मार्च, 2022
स्रोत (Source): अमर उजाला
तस्वीर स्रोत : अमर उजाला
स्थान : पंजाब-हरियाणा
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने धारा 377 के तहत दोषी करार दिए गए तीन नाबालिगों की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि गलत इरादे से किसी के शरीर के किसी भी हिस्से को छूने पर धारा 377 लागू होती है. सोनीपत निवासी तीन नाबालिगों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि आठ साल के लड़के के पिता ने पुलिस को शिकायत दी थी कि याचिकाकर्ताओं ने उसके बेटे से स्कूल में कुकर्म किया था.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुना दी. सजा के खिलाफ अपील को सोनीपत की सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट की शरण ली. बोर्ड ने लैंगिक अपराध के चलते आईपीसी की धारा 377 और पोकसो एक्ट की सेक्शन 10 के तहत दोषी करार दिया था.
याची ने कहा कि पीड़ित लड़के ने अपने बयान में कहीं भी यह नहीं कहा कि उसके साथ कुकर्म किया गया है. उसने अपने बयान में बस यही कहा था कि उसके साथ गलत काम किया गया है. बयान में शरीर के किसी भी हिस्से को गलत इरादे से छूने का कहीं कोई जिक्र नहीं है. इसके अलावा पीड़ित के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट का कोई निशान मौजूद नहीं था और न ही उसके कपड़ों व शरीर पर वीर्य का कोई निशान था. हाईकोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज करते हुए याचिका को भी खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि धारा 377 शरीर के किसी भी अंग को गलत इरादे से छूने की स्थिति में लागू होती है, ऐसे में निचली अदालत का फैसला सही है.
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