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वर्षीय इलेक्ट्रीशियन द्वारा 5 वर्ष की बालिका व उसकी मां से लैंगिक अपराध करने के
मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने कहा कि यौन इच्छा के बिना बच्चे के गाल छूना
पोक्सो एक्ट 2012 के तहत अपराध नहीं है. हालांकि आरोपी को मां के साथ अश्लील हरकत
करने के आरोप में सजा सुनाई गई है. मामला 2 जून, 2017 का है जब रेफ्रिजरेटर की मरम्मत
करने के लिए इलेक्ट्रीशियन महिला के घर आया था. उस दौरान घर पर सिर्फ बालिका व उसकी
मां थी, उसके पिता काम पर गए हुए थे. इस दौरान इलेक्ट्रीशियन ने बालिका के गाल छुए,
जिसे देखकर बालिका की मां ने इलेक्ट्रीशियन को डांटा भी. इसके बाद इलेक्ट्रीशियन ने
मां के साथ भी छेड़छाड़ की. महिला की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले
की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने महिला से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी को एक साल की कैद
की सजा सुनाई, लेकिन बालिका से छेड़छाड़ के आरोप पर कोर्ट ने उसे यह कहते हुए बरी
कर दिया कि बालिका के गाल को छूना कोई अपराध नहीं है.
इस तरह के मामले में स्पर्श करने के दौरान शख्स के दिमाग में चल रही मंशा का बड़ा महत्व होता है. अगर वह सिर्फ बच्ची के साथ खेलने की मंशा के साथ ऐसा कर रहा था तब तो यह आम बात होती, लेकिन अगर वह किसी गलत मानसिकता या मंशा के साथ बालिका को छू रहा तो बालिका को मौजूदा समय में और भविष्य में इस शख्स से खतरा हो सकता है. साथ ही कानून के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के बालक/बालिका के साथ लैंगिक अपराध होने के मामले में बालक/बालिका द्वारा दी गई अनुमति को अदालत में नहीं स्वीकारा जाता है. भारतीय कानून के अनुसार, अनुमति प्रदान करने की समझ नाबालिगों में नहीं होती है.