रायपुर: सड़क पर मिले 20 घुमंतू बालक, 16 को माता-पिता को सौपा और चार को भेजा बाल गृह
तारीख: 13 फरवरी, 2022
स्रोत (Source): नई दुनिया
तस्वीर स्रोत : नई दुनिया
स्थान : मध्य प्रदेश
राजधानी के विविध इलाकों में घूम रहे 20 से अधिक बालकों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने रोका. बालकों से पूछताछ करने पर पता चला कि वे ऐसे ही घूमते रहते हैं. इनमें से 16 बालकों के माता-पिता को समझाया गया कि वे अपने बालकों को बाहर न घूमने दें, पढ़ाएं, लिखाएं उनका जीवन संवारे. चार बालकों के बारे में संतोषजनक जानकारी न मिलने पर उन बालकों को बाल गृह भेजा गया.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर स्ट्रीट सिचुएशन आफ चिल्ड्रन के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजधानी के अनेक इलाकों का निरीक्षण किया. घड़ी चौक, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, कमल विहार, पचपेड़ी नाका, गुढ़ियारी, चूना भठ्ठी, अमलीडीह, मरीन ड्राइव, राजेंद्र नगर, सांईं मंदिर, कटोरातालाब, जयस्तंभ चौक, कालीबाड़ी आदि जगहों पर निरीक्षण के दौरान 20 बालकों को चिन्हांकित किया गया. वे बालक दिनभर इधर-उधर घूमते थे. इनमें से दो बालिकाओं को खुला आश्रय गृह मरीन ड्राइव तेलीबांधा और दो बालकों को शासकीय बालक गृह माना भेजा गया ताकि उनका सही ढंग से पालन पोषण हो सके.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नईदिल्ली से रायपुर पहुंची अंशु शर्मा, पूजा पुनेठा राजधानी के अनेक क्षेत्रों में पहुंचे. उनके साथ स्थानीय बाल संरक्षण इकाई, पुलिस, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन, एनएसएस स्काउट, एनसीसी के प्रतिनिधि शामिल थे. बाल संरक्षण विभाग के नेतृत्व में उक्त टीम द्वारा लगातार रेस्क्यू अभियान चलाते हुए जिले के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी भ्रमण किया जाएगा. देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों का चिन्हांकन करके बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. उन बालकों का जीवन संवारने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से लाभ दिलाया जाएगा.
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