बालकों को ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखने मध्य प्रदेश बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने जारी की गाइडलाइन
तारीख: 19 जनवरी, 2022
स्रोत (Source): अमर उजाला
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स्थान : मध्य प्रदेश
बालकों में ऑनलाइन गेमिंग की लगातार बढ़ती प्रवृत्ति और दुष्प्रभावों को देखते हुए मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के लिए गाइडलाइन जारी की. जारी गाइडलाइन में बालकों को ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखने के लिए आयोग द्वारा अभिभावकों और शिक्षकों के लिए 8 महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं.
मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सुझाव
- जब शिक्षक ऑनलाइन कक्षा की शुरुआत करेगा तब अभिभावकों से रूबरू होकर उन्हें कक्षा शुरू होने एवं कक्षा की अवधि की जानकारी देगा.
- इसी तरह कक्षा का समापन करेगा. तब एक बार फिर अभिभावकों को बुलाकर कक्षा पूरी हो जाने की सूचना देगा. साथ ही यह भी कहेगा कि मैंने मोबाइल उपयोग का कार्य नहीं दिया है. यदि इसके बाद लगातार बालक मोबाइल पर व्यस्त रहता है तो वह शैक्षणिक गतिविधि का हिस्सा नहीं है.
- शिक्षकों को अभिभावकों के साथ प्रतिदिन संपर्क में रहना है.
4. अभिभावक कक्षा समाप्त होने के बाद बच्चे को समझाईश दे एवं मोबाइल लेकर अपने पास
रख लें.
- शिक्षक एक बार अभिभावकों से संवाद कर विद्यार्थी की गतिविधियों और पढ़ाई की प्रगति पर चर्चा करें.
- आयोग ने सुझाव दिया है कि यदि कोई बड़ा बालक गलत चीजों को सर्च कर रहा है तो इसे देखकर माता-पिता तुरंत बच्चे से कुछ ना कहें गतिविधियों पर नजर रखें यदि बालक लगातार इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो रहा है तो उसके लिए कॉउन्सलर से मदद लें.
- यदि विद्यार्थियों के व्यवहार और गतिविधियों में कोई बदलाव दिखाई देता है तब तत्काल उसकी गतिविधियों को ध्यान में रखकर उसे अपनत्व दें, प्यार देकर समझाईश दें.
- मोबाइल ज्यादा समय बच्चे के पास ना रहे, इस प्रकार की गतिविधि को शिक्षकों और अभिभावकों को मिलकर रोकना है.
प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों को 31 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है. बच्चे मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन ऑनलाइन क्लासेस के बाद भी बच्चें लगातार मोबाइल पर गेम खेलते रहते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
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