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नाबालिग का हाथ पकड़ प्यार का इजहार करना लैंगिक शोषण नहीं, POCSO कोर्ट ने आरोपी को किया बरी

तारीख: 1 अगस्त, 2021
स्रोत (Source): हिन्दुस्तान

तस्वीर स्रोत : हिन्दुस्तान

स्थान : महाराष्ट्र

मुंबई के एक पोक्सो कोर्ट ने 28 वर्षीय आरोपी को यह कहते हुए रिहा कर दिया कि किसी नाबालिग का हाथ पकड़ना और उससे प्यार का इजहार करना लैंगिक उत्पीड़न नहीं माना जा सकता है. आरोपी को साल 2017 में एक 17 साल की बालिका को प्रपोज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी का इरादा लैंगिक शोषण करने का थाफैसला सुनाते समय कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे कोई सबूत नहीं जिससे यह संकेत मिलते हों कि आरोपी ने लगातार पीड़िता का पीछा किया, उसे किसी सुनसान जगह पर रोका या फिर नाबालिग से लैंगिक शोषण के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल किया
जज ने फैसला सुनाते समय कहा, ‘अभियोजन पक्ष इस बात के सबूत लाने में असफल रहा कि आरोपी ने लैंगिक उत्पीड़न की कोशिश की. इसलिए संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी किया जाता है.’ बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं जब किसी बालक के हाथ पकड़ने को कोर्ट ने लैंगिक अपराध मानने से इनकार किया हो. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने पांच साल की बालिका के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ के लिए एक 50 वर्षीय शख्स की सजा को पलट दिया था.
कोर्ट ने फैसला सुनाते समय कहा था कि पैंट खोलकर एक नाबालिग का हाथ पकड़ना लैंगिक शोषण की परिभाषा में नहीं आता है.          

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