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राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के निर्देश पर दारुल उलूम ने हटाए नौ फतवे

तारीख: 08 फरवरी, 2022

स्रोत (Source): हिंदुस्तान

तस्वीर स्रोत : हिंदुस्तान

स्थान : उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश के बाद दारुल उलूम ने अपनी वेबसाइट से नौ फतवों को हटा लिया है. फतवों को लेकर प्रशासन की जांच जारी है. उधर, दारुल उलूम के मोहतमिम ने कहा कि जांच होने तक डीएम के आदेश पर उक्त फतवों को पब्लिक डोमिन से हटाने का फैसला किया है.

बीते माह एक शिकायत के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग में गोद लिए बालकों की विरासत को लेकर दारुल उलूम के फतवों पर आपत्ति जताई थी. साथ ही मांग की गई थी कि संस्था की वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाया जाए. इस शिकायत के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने डीएम सहारनपुर को जांच के निर्देश दिए थे. साथ ही कहा था कि विवादित फतवों को वेबसाइट से हटवा दिया जाए. इस मामले में डीएम अखिलेश सिंह ने दारुल उलूम प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. साथ ही वेबसाइट से विवादित फतवों को हटाने को कहा था.

 यह था मामला, दारुल उलूम के इफ्ता विभाग ने शरीयत का हवाला देते हुए गोद लिए गए बालक को संबंधित व्यक्ति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होना बताया था. साथ ही कहा था कि उसके वयस्क होने पर शरीयत कानून लागू होगा. जबकि बाल संरक्षण आयोग ने कहा है कि गोद लिए बालकों को भी जैविक बालकों के समान अधिकार हैं. देश का संविधान बालकों को समानता के अधिकार के साथ-साथ मौलिक अधिकार भी प्रदान करता है. आयोग ने किशोर न्याय अधिनियम का हवाला देते हुए दत्तक बालकों को भी समानता के अधिकार की जानकारी देते हुए इस तरह के फतवों पर आपत्ति जताई.

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