असम पुलिस ने केरल ले जाई गई नौ लड़कियों को मानवी वाहतुक से बचाया
तारीख: 17 जुलाई, 2021
स्रोत (Source): नवभारत टाइम्स
तस्वीर स्रोत : नवभारत टाइम्स
स्थान : असम
एक मां और सौतेले पिता ने 90 हजार रुपये में दो नाबालिग बेटियों का सौदा कर उन्हें राजस्थान स्थित अलवर के लोगों को सौंप दिया. पुलिस से बचने के लिए मानवी वाहतुक करने वाले नाटकीय राजस्थान से पिथौरागढ़ पहुंचे थे. राजस्थान से आरोपी एक वाहन में बनबसा तक आए. उस वाहन को वहां खड़ा कर बनबसा से दूसरा वाहन बुक कराकर पिथौरागढ़ पहुंचे थे, लेकिन पुलिस की सजगता के कारण मानवी वाहतुक की घटना को अंजाम नहीं दे पाए. पुलिस ने पिथौरागढ़ से बाहर निकलने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपी राहुल ने बताया कि वह खेत बेचकर शादी के लिए पिथौरागढ़ पहुंचा है. पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है. नगर से लगे एक क्षेत्र में रहने वाली नेपाली मूल की एक मां और सौतेले बाप ने दो नाबालिग बालिकाओं का सौदा किया.
तुलसी से राहुल यादव ने शादी के लिए संपर्क किया था. आरोपी तुलसी गंगोलीहाट विकासखंड के एक गांव से अपने भाई की शादी करा चुका है. इसलिए उसे यहां के बारे में सब पता था. बालिकाओं के लिए उसने स्थानीय बिचौलिये सल्ला चिंगरी निवासी चंद्रप्रकाश उर्फ चंदू से संपर्क किया था. चंदू के स्थानीय होने के कारण उसे बालिकाओं को ढूंढने में कोई दिक्कत नहीं हुई. उसे पता चला कि नगर के एक वार्ड में नेपाली मूल का परिवार रहता है और इस परिवार में दो नाबालिग बालिकाएं हैं.
उनसे संपर्क करने के कई दिन तक पैसे के लिए सौदेबाजी चलती रही और दो बालिकाओं का सौदा 50 हजार रुपये में तय हो पाया. सौदा तय होने के बाद उसने राजस्थान संपर्क किया. इसके बाद राजस्थान से तुलसी चौधरी और राहुल यादव यहां आए वह बनबसा तक दूसरे वाहन से आए. इसके बाद यहां से सनी सिंह की टैक्सी बुक कराकर पिथौरागढ़ पहुंचे. माता–पिता को रुपये देने के बाद किसी तरह वह बालिकाओं को ले जा रहे थे तो पुलिस को पता लग गया. पुलिस ने जाल बिछाकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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