एनआईए अधिकारी कर सकेंगे मानवी वाहतुक से जुड़े मामलों की जांच, केंद्र सरकार ने दी जानकारी
तारीख: 06 जनवरी, 2022
स्रोत (Source): दैनिक भास्कर
तस्वीर स्रोत : दैनिक भास्कर
स्थान : मुंबई
केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के अधिकारी मानवी वाहतुक से जुड़े अपराध की जांच कर सकेंगे. केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता डीपी सिंह ने न्यायमूर्ति एए सैय्यद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने कहा कि एनआईए अधिनियम 2008 में संसोधन कर एनआईए अधिकारी को मानवी वाहतुक से जुड़े अपराध की जांच का अधिकार दिया गया है. लिहाजा मानवी वाहतुक प्रतिबंधक कानून 1956 के अधिनियम की धारा 13(4) के तहत आनेवाले अपराध की जांच का अधिकार एनआईए के अधिकारियों को दिया गया है.
सिंह ने खंडपीठ को बताया कि एनआईए के अधिकारियों को क्षेत्राधिकार से जुड़ी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है. वे दूसरे राज्यों में जाकर भी मानवी वाहतुक से जुड़े मामलों की जांच कर सकते है. जबकि राज्य के अधिकारियों को दूसरे राज्य में जांच के लिए जाने में मुश्किल होती है. इसलिए एनआईए एक्ट में ससोधन करके एनआईए अधिकारी को इस तरह से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से केंद्र के पास एक प्रस्ताव भी भेजा गया था. इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने एनआईए अधिकारी को जांच का अधिकार दिया है. वे इस संबंध में हलफनामा भी दायर करना चाहते है इसके लिए उन्हें वक्त दिया जाए.
हाईकोर्ट में रेस्क्यू फाउंडेशन नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है. याचिका में मुख्य रुप से से संसोधित एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग कानून को कड़ाई से लागू करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस कानून में मानवी वाहतुक को रोकने के लिए विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. जो सिर्फ मानवी वाहतुक से जुड़े मामलों को देखेंगे. लिहाजा सरकार को इन अधिकारियों की नियुक्ति के लिए कहा जाए.
भास्कर की इस खबर को पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें.