कोविड संक्रमण के कारण अनाथ हुए बालकों के बारे में जानकारी दें राज्य: एनसीपीसीआर
तारीख: 03 मई, 2021
स्रोत (Source): नवभारत टाइम्स
तस्वीर स्रोत: Google Image
स्थान: नई दिल्ली
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) सोमवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वे ऐसे बालकों के बारे में जानकारी दें, जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने प्रदेशों के मुख्य सचिवों के नाम लिखे पत्र में कहा, ‘‘आयोग को पता चला है कि कई गैर सरकारी संगठन ऐसे बालकों के बारे में विज्ञापन दे रहे हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है.’’
हालांकि एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के पत्र से यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि बालकों के बारे में विज्ञापन देने में गलत क्या है? दरअसल पिछले कुछ सप्ताहों में सोशल मीडिया में ऐसे कई संदेश व पोस्ट देखे गए हैं जिनमें कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बालकों को गोद लेने का आग्रह आमजन से किया जा रहा था. गोद लेने की प्रक्रिया ऐसे ही नहीं पूरी की जा सकती है, उसके लिए नियुक्त इकाई विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण (सीएआरए) से अनुमति लेना या उनकी जानकारी में गोद लेने व देने की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर आप गैर-कानूनी तरीके से किसी बालक को गोद ले रहे हैं, जो एक अपराध है.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने आगे कहा कि किशोर न्याय कानून-2015 के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि ऐसे बालकों की उचित देखभाल की जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए. कानूनगो ने राज्यों से कहा, ‘‘ऐसे में यह जरूरी है कि अपने माता-पिता को खोने वाले बालकों को जिले के बाल संरक्षण प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाए तथा इनके बारे में सूचना साझा की जाए.’’
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