हाईकोर्ट : बालकों से दुष्कर्म मनुष्यता के प्रति संगीन अपराध, दोषी रहम के हकदार नहीं
तारीख: 06 फरवरी, 2022
स्रोत (Source): अमर उजाला
तस्वीर स्रोत : अमर उजाला
स्थान : चंडीगढ़
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बालकों से दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार का कृत्य मनुष्यता के प्रति संगीन अपराध है. इस प्रकार के कृत्य करने वाले किसी भी प्रकार से रहम के हकदार नहीं हैं.
फरीदाबाद निवासी संजय ने ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा केआदेश को चुनौती देते हुए अपील दाखिल की थी. अपनी अपील में उसने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उसे फंसाया जा रहा है. अपील को हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज करते हुए ट्रायल द्वारा सुनाई गई सजा को बरकरार रखा है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे अपराधी विकृत मानसिकता के शिकार होते हैं. लैंगिक सुख के लिए यह बालकों को शिकार बनाने से भी नहीं चूकते हैं.
हाईकोर्ट ने कहा कि कुछ सर्वे में सामने आया है कि बालकों से दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है जो चिंता का विषय है. बालकों को विशेष देखभाल और सुरक्षा की जरूरत होती है. बालक न केवल देश का भविष्य होते हैं बल्कि ये देश को आगे बढ़ाने का प्राकृतिक संसाधन होते हैं. बालकों के प्रति लैंगिक अपराध के मामलों में अदालत की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है ताकि बालकों को पर्याप्त कानूनी सुरक्षा दी जा सके. बालकों से ही भविष्य की उम्मीद होती है. इसलिए इन मामलों को अलग दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है, ताकि ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सके.
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