छत्तीसगढ़: पोकसो एक्ट में पहली बार मौत की सजा, साढ़े तीन साल की बालिका की दुष्कर्म के बाद की थी हत्या
तारीख: 14 सितंबर, 2021
स्रोत (Source): अमर उजाला
तस्वीर स्रोत : अमर उजाला
स्थान : छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में साढ़े तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी शेखर कोर्राम (24) को फांसी की सजा सुनाई है. जिले में संभवत: यह पहला मामला है, जब किसी को मौत की सजा सुनाई गई हो. वहीं, कोरबा में भी एक नाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने दो दोषियों को 14 साल कैद की सजा सुनाई है.
दरअसल यह मामला राजनांदगांव के कोतवाली क्षेत्र में चिखली के एक गांव कांकेतरा का है. पिछले साल 22 अगस्त को एक बच्ची लापता हो गई थी. परिवार वालों ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने जब छानबीन की, तो पता चला कि घर से करीब 100 मीटर दूर रहने वाले शेखर कोर्राम को उसके साथ देखा गया था.इसके बाद पुलिस ने शेखर को संदिग्ध मानकर उसके घर दबिश दी. तलाशी के दौरान वहां पलंग और दीवार के बीच बच्ची का शव बरामद हुआ. पूछताछ में शेखर ने बताया कि वह बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर साथ ले आया था. दुष्कर्म के बाद बच्ची ने शोर मचाया तो उसने तकिए के कवर से उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी. शव को ठिकाने लगाता इससे पहले ही पुलिस ने शेखर को दबोच लिया. पुलिस ने तेजी से जांच पूरी की और DNA टेस्ट रिपोर्ट के साथ 19 सितंबर को चालान पेश किया. इस बीच बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए शहर भर में प्रदर्शन और रैलियां होती रहीं. फास्ट ट्रैक एडीजे कोर्ट ने एक साल तक चली सुनवाई के बाद सोमवार को शेखर कोर्राम को मौत की सजा सुनाई. जस्टिस शैलेष शर्मा ने जजमेंट में लिखा कि यह समाज के लिए घृणित हरकत और कलंक है. फैसले से मौत के बाद ही सही, लेकिन बच्ची को न्याय मिलेगा. लोक अभियोजक परवेज अख्तर का दावा है कि पोकसो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट में प्रदेश में पहली बार किसी को फांसी की सजा हुई है.
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