मानवी वाहतुक का शिकार होने से बचीं झारखंड की आठ बेटियां, नौकरी के लालच में गई थी मुंबई
तारीख: 21 अक्टूबर, 2021
स्रोत (Source): एबीपी न्यूज
तस्वीर स्रोत : एबीपी न्यूज
स्थान : झारखंड
काम की तलाश में एक महीने पहले मुंबई गई झारखंड के दुमका जिले की आठ बेटियां मानवी वाहतुक ( ह्यूमन ट्रैफिकिंग) का शिकार होने से बच गईं. मुंबई के कल्याण रेलवे स्टेशन की पुलिस ने सभी को कब्जे में लेकर सकुशल दुमका सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया है. किशोरी दुमका के चार अलग–अलग प्रखंड से हैं. गुरुवार को जिला समाज कल्याण कार्यालय में सभी का बयान दर्ज करने के बाद बाल कल्याण समिति ने उन्हें उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.
बता दें कि सभी मुंबई में रहने वाले एक रिश्तेदार के बुलावे पर गई थीं. इनमें जिले के रामगढ़ प्रखंड की चार, गोपीकांदर की दो सगी बहनें, शिकारीपाड़ा व जरमुंडी की एक–एक किशोरी शामिल हैं, जो एक महीने पहले मुंबई गई थीं. दरअसल, 21 सितंबर को कल्याण रेलवे स्टेशन पर उतरते ही रेलवे पुलिस ने शक के आधार पर सभी को पकड़ लिया था. पूछताछ में सभी ने बताया कि वे एक रिश्तेदार के कहने पर ही वहां पहुंची हैं.
जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर रेलवे पुलिस ने सभी को महाराष्ट्र बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया. चार दिन पहले वहां की समिति ने स्थानीय समिति के पदाधिकारी प्रकाश चंद्र को सारी बताई. प्रकाश के अनुरोध पर गुरुवार को कल्याण थाना के तीन जवान चार महिला पुलिस कर्मियों के साथ सभी बच्चियों को लेकर आए और सीडब्लूसी को सुपुर्द किया. समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में सभी किशोरियों का बयान दर्ज किया गया.
सभी ने एक स्वर में बताया कि मुंबई में उनके गांव का एक रिश्तेदार रहता है. उसने ही काम दिलाने के लिए बुलाया था. लेकिन स्टेशन पर उतरते ही पकड़ लिया गया. सीडब्लूसी के अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि सभी बालिकाओं की उम्र 18 साल से कम है. सभी का बयान दर्ज किया गया है. सभी ने मर्जी से मुंबई जाने की बात बताई है. सभी के परिजन को बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया है.
एबीपी न्यूज़ की इस खबर को पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें.