यूपी में कोरोना में अनाथ हुए रिश्तेदारों के यहां संरक्षित बालकों का हाल-चाल लेगा बाल संरक्षण आयोग, 15 दिन पर होगा फॉलो अप
तारीख: 21 मई, 2021
स्रोत (Source): दैनिक जागरण
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स्थान: उत्तर प्रदेश
कोरोना संक्रमण काल का कहर सबसे ज्यादा निराश्रित बालकों पर पड़ा है. ऐसे बालकों को संरक्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने कदम बढ़ाए हैं. ऐसे निराश्रित बालक जो रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं उनका हालचाल उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग हर 15 दिन में लेगा. आयोग की सदस्य डॉ प्रीति वर्मा द्वारा वाराणसी मंडल,गोरखपुर मंडल, देवीपाटन मंडल से संबंधित विभागों के अधिकारियों और संस्थानों, सीडब्ल्यूसी, चाइल्डलाइन के साथ ली गई समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई. अनाथ हुए बालकों, एकल अभिभावक के साथ-साथ बालकों के अवैध दत्तक ग्रहण और मानवी वाहतुक की रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, प्रधानों, पुलिस विभाग ,निगरानी समिति व अध्यापकों की मदद का निर्देश दिया गया. तीसरी लहर के मद्देनजर अस्पतालों की तैयारी, पीडियाट्रिक वार्ड, बेड, पीआईसीयू, मिनी आईसीयू आदि की स्थिति पर नज़र रखने के निर्देश दिए गए.
डॉ प्रीति ने कहा कि बालकों को बाल गृह में आवासीय करना अंतिम उपाय होना चाहिए. इसके लिए बालक को रिश्तेदार के यहां संरक्षित करना, कानूनी रूप से गोद देना जैसी पारिवारिक आधारित देखरेख में रखे जाने के प्रयास होने चाहिए. 18 साल से कम उम्र के बालकों को सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत कर ही अभिभावक को सौंपे. 17 मई से लगातार समीक्षा की जा रही है. बैठक में वाराणसी मंडल से जिला वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, व गोरखपुर मंडल से गोरखपुर, देवरिया, जिला कुशीनगर, जिला महाराजगंज, देवीपाटन मंडल से जिला गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती में बालकों से संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए.
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