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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने योगी सरकार से कहा-इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ करें अपील

तारीख: 25 नवंबर, 2021
स्रोत (Source): प्रभात खबर

तस्वीर स्रोत : प्रभात खबर

स्थान : उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर/NCPCR) ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इलाहाबाद हाइकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ ‘तत्काल अपील’ दायर करने के लिए कहा है. यह मामला 10 साल के नाबालिग के लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित है.

बता दें कि इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 10 साल के लड़के के साथ ओरल सेक्स करने के आरोपी को पोकसो अपराधी की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा था कि लिंग को मुंह में डालना ‘गंभीर लैंगिक हमला’ या ‘लैंगिक हमले’ की श्रेणी में नहीं आता है. अदालत ने इसे पेनेट्रेटिव लैंगिक हमले की श्रेणी में आने वाला मामला करार दिया था. यहां यह जानना जरूरी है कि पेनेट्रेटिव लैंगिक हमला पोकसो एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध माना जाता है. इसी क्रम में इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा लिखित और मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित एक पत्र लिखा है.

उस पत्र में आयोग की ओर से कहा गया है, ‘आयोग द्वारा यह देखा गया है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान मामले में अपराधी की सजा को दस साल से घटाकर सात साल करना और गंभीर पेनेट्रेटिव लैंगिक हमले के अपराध (धारा 5 और 6) को पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट (धारा 3 और 4) कहना पोकसो एक्ट 2012 की भाववना के अनुसार नहीं लगता है.’ पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस गंभीर मामले में आरोपी की सजा को कम करना इस मामले में पीड़ित को दिए गए न्याय के प्रतिकूल है. आयोग को लगता है कि मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल अपील दायर करना चाहिए.

 

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