कानपुर पोकसो अदालत का फैसला: नाबालिग से विवाह कर संतान पैदा करने वाला जमानत का हकदार नहीं
तारीख: 18 जून, 2021
स्रोत (Source): अमर उजाला
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स्थान : उत्तर प्रदेश
नाबालिग प्रेमिका को अगवा कर ले जाना, प्रेम विवाह कर संतान पैदा करना गंभीर अपराध है. नाबालिग भले ही पति के घर रहना चाहती हो लेकिन उसकी सहमति पति को दुष्कर्म के आरोप से नहीं बचा सकती. इसी आधार पर प्रेमी को दुष्कर्म और पोकसो एक्ट का आरोपी मानते हुए प्रभारी विशेष न्यायाधीश पोकसो एक्ट प्रथमकांत ने प्रेमी को जमानत देने से इनकार कर दिया.
आरोपी लगभग डेढ़ साल से जेल में बंद है. रायपुरवा निवासी महिला ने 10 नवंबर 2018 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि 25 अक्टूबर को पड़ोसी रामप्रकाश उसकी 15 साल की बेटी को बहलाकर भगा ले गया था. एडीजीसी अजय प्रकाश सिंह व एसपीपी ओंकार नाथ वर्मा ने बताया कि पुलिस ने 24 नवंबर 2019 को रामप्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि वह रामप्रकाश के साथ अपनी मर्जी से गई थी. वह उससे प्रेम करती है और उन लोगों ने मंदिर में विवाह भी किया है. रामप्रकाश से उसे दो माह का बेटा भी है. कोर्ट में भी बयान के दौरान उसने अपने पति और बेटे के साथ रहने की बात कही थी, लेकिन कोर्ट ने माना कि अपहरण और दुष्कर्म के मामले में नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं होता. रामप्रकाश के अपराध को गंभीर मानते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी.
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