सड़क पर रहने वाले बालकों के लिए प्लान तैयार कर रही सरकार
तारीख: 19 जुलाई, 2021
स्रोत (Source): नवभारत टाइम्स
तस्वीर स्रोत : नवभारत टाइम्स
स्थान : नई दिल्ली
सड़क पर रहने वाले बालकों की सुरक्षा के लिए एक पॉलिसी के तहत एक्शन प्लान तैयार हो रहा है. अगस्त से इस पॉलिसी पर करीब 10 अलग–अलग डिपार्टमेंट काम शुरू करेंगे, ताकि कोविड महामारी के दौरान बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके. महामारी के बीच स्ट्रीट चिल्ड्रन की सुरक्षा को देखते हुए सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने ‘संपर्क‘ मॉडल तैयार किया है.
इसके तहत काम करने के लिए जिला प्रशासन के अलावा कई विभाग और सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन का रोल तय किया गया है. सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा समेत कई बिंदुओं पर काम करने के लिए इस पॉलिसी ने प्रस्ताव दिए हैं. विभाग का अंदाजा है कि दिल्ली में ऐसे 60 हजार से ज्यादा बालक हैं. हालांकि, विभाग को उम्मीद है कि इस पॉलिसी के तहत ऐसे कई बालकों की पहचान होगी और सही आंकड़ा मिलेगा. बालकों के बीच काम करने वाले एनजीओ से भी विभाग ने 22 जुलाई तक ऐप्लिकेशन मांगी है, ताकि वे तय रोल के लिए मदद दे सकें.
पॉलिसी के तहत स्ट्रीट चिल्ड्रन के हॉटस्पॉट की पहचान की जाएगी और यहां मास्क, सैनिटाइजर बांटने के साथ–साथ उन्हें जागरुक किया जाएगा. जिला प्रशासन उन रेस्क्यू किए बालकों को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स भी बना सकते हैं, जिनकी उम्र 18 हो चुकी है. एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन उन्हें ट्रेनिंग दे सकता है, इससे उन्हें काम भी मिलेगा. पॉलिसी का यह भी कहना है कि बालकों के रेस्क्यू के लिए डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स के अलावा अब डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन कन्वर्जेंस कमिटी भी होगी.
इस कमिटी के डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट चेयरपर्सन होंगे. साथ ही, इसमें दो मेंबर एनजीओ और दो मेंबर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के होंगे. बालकों को ट्रैक करने के लिए भी पॉलिसी ने बालकों का एनरोलमेंट करने पर जोर दिया है.
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