सार्वजनिक परिवहन में पुरुषों द्वारा महिलाओं को अनुचित तरीके से छूना सामान्य लैंगिक हमला
तारीख: 28 फरवरी, 2022
स्रोत (Source): ज़ी हिंदुस्तान
तस्वीर स्रोत : ज़ी हिंदुस्तान
स्थान : महाराष्ट्र
सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में बस, ट्रेन, लोकल ट्रेन हो या मेट्रो यात्रा कर रही महिलाओं को पुरूषों द्वारा अनुचित तरीके से छूना एक लैंगिक हमला है और ऐसा करने वाले को यकीनन जेल जाना पड़ेगा. मुंबई की एक विशेष पोकसो अदालत ने ऐसे ही एक मामले में आरोपी मोहसीन को किसी तरह की राहत देने से इंकार करते हुए तीन साल की सजा और 35 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है. ग्रेटर मुंबई की फोर्ट की पोकसो सेशन कोर्ट के जज ए डी देव ने ये फैसला सुनाया है.
अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए अफसोस भी जताया कि सार्वजनिक परिवहन के दौरान पुरूष द्वारा अनुचित तरीके से छूने का अनुभव प्रत्येक आम महिला द्वारा किया जाता है. जो कि एक बहुत ही सामान्य तौर पर किया जाने वाला लैंगिक हमला हो गया है. लेकिन ऐसे प्रत्येक मामलों में महिला ये सोचकर अनदेखा कर देती है, कि इस यात्रा के बाद छूने वाला व्यक्ति दुबारा नही मिलेगा. इसलिए इस तरह के लगभग सभी हमलों की रिपोर्ट नहीं की जाती है.
अगस्त 2017 को पीड़िता एक नाबालिग अपनी दिव्यांग चाची के साथ मुंबई की लोकल ट्रेन में सफर कर रही थी. दोनो दिव्यांगो के लिए रिया रोड़ पर आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. दोनो ने लोकल ट्रेन के दिव्यांग कोच में सफर कर रही थी. सफर के दौरान आरोपी मोहसीन ने दिव्यांग महिला की वक्ष को छुआ, जिस पर महिला ने चिल्लाते हुए उसे एक थप्पड़ मारा. नाबालिग ने भी इसी प्रकार की शिकायत करते हुए आरोपी पर अनुचित तरीके से छूने का आरोप लगाया. ट्रेन के कोच में मौजूद दूसरे यात्रियों ने आरोपी मोहसीन को पकड़ लिया. कुरला स्टेशन आने पर नाबालिग ने एक अन्य यात्री के साथ मिलकर आरोपी को पुलिस थाने में सौप दिया.
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