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गुमला की असुर जनजातियों की 7 लड़कियों को तस्करों ने दिल्ली में बेचा, तीन लोग लापता

तारीख: 31 जनवरी, 2022

स्रोत (Source): प्रभात खबर

तस्वीर स्रोतप्रभात खबर

स्थान : नई दिल्ली

असुर जनजाति की सात नाबालिग लड़कियों को मानवी वाहतुक करने वालेों ने दिल्ली में ले जाकर बेच दिया है. किसी को एक साल पहले तो किसी को दो से तीन साल पहले बेचा गया है. लड़कियों की उम्र 15 से 16 साल है. परंतु मानवी वाहतुक करने वालों ने फर्जी आधार कार्ड बनाकर सभी की उम्र 18 वर्ष दी है.

इसमें कुछ लड़कियां घरेलू काम कर रही हैं तो कुछ लड़कियां दिल्ली में लापता हो गयी है और परिजनों से संपर्क नहीं है. मामला, गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के एक गांव की है. इस इलाके से मानवी वाहतुक की शिकार हुई लड़कियों को भी तस्करों ने दिल्ली में बेचा है.

दिल्ली में पाकरकोना गांव की बीती असुर (बदला नाम) को भी बेचा गया था. परंतु दिल्ली पुलिस ने बीता असुर को बरामद कर गुमला पहुंचा दिया. गुमला पहुंचने के बाद बीती असुर ने खुलासा की कि पाकरकोना गांव की अन्य सात असुर जनजाति लड़कियों को भी दिल्ली में बेचा गया है. बीता के अनुसार सभी लड़कियों को घरेलू काम करने के लिए छह से 10 हजार रुपये में बेचा जाता है.

हर एक लड़की को घरेलू काम करने के लिए छह से 10 हजार रुपये मजदूरी मिलती है. इसमें एक महीने का मजदूरी का पैसा मानवी वाहतुक करने वाले ले लेता है. बीती ने यह भी बताया कि गुमला से दिल्ली जाने से पहले आधार कार्ड का फोटो कॉपी मानवी वाहतुक करने वाले द्वारा ले लिया जाता है. इसके बाद दिल्ली में पहुंचकर आधार कार्ड में उम्र को चेंज कर 18 से 19 वर्ष कर दिया जाता है. जिससे जब कोई जांच हो, तो लड़कियों की उम्र अधिक बताया जा सके.

बीती असुर ने बताया उसके अलावा अन्य तीन लड़कियों को मानवी वाहतुक करने वाले दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था. जिसमें बीती सकुशल गुमला आ गयी. परंतु अन्य तीन लड़कियां फुलमति असुर, मोनिका असुर व गीता असुर दिल्ली में लापता है. बीती ने बताया कि शुरू के कुछ दिन सभी लड़कियां संपर्क में थी. फोन से बात होती थी. सभी अलग-अलग जगह काम करती थी. परंतु इधर, कई महीनों से ये तीनों लड़कियां लापता है.

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